Budget 2023: 11 हवाईअड्डों का हो सकता निजीकरण, बजट में दोगुना एलोकेशन करने की मांग
Budget 2023: इस बार यूनियन बजट (Union Budget) में एविएशन सेक्टर को काफी कुछ मिल सकता है. इस बार यूनियन बजट में निवेश बढ़ाने के लिए निजीकरण (Privatisation) को बढ़ावा दिया जा सकता है.
Budget 2023: देश का बजट 1 फरवरी को पेश होगा और इस दौरान देश की अलग-अलग इंडस्ट्रीज वित्त मंत्री के सामने अपनी विशलिस्ट रख रही हैं. इसी सिलसिले में एविएशन सेक्टर ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sithraman) के सामने अपनी मांगें रखी हैं. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार यूनियन बजट (Union Budget) में एविएशन सेक्टर को काफी कुछ मिल सकता है. इस बार यूनियन बजट में निवेश बढ़ाने के लिए निजीकरण (Privatisation) को बढ़ावा दिया जा सकता है.
निजीकरण पर सरकार का फोकस
ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, निवेश बढ़ाने के लिए हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी मिल सकती है. हालांकि निजीकरण की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी और पहले चरण में 11 हवाई अड्डों को निजीकरण के लिए चुना गया है.
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एलोकेशन हो सकता है दोगुना
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इस निजीकरण से 7500-8000 करोड़ रुपए का निवेश आ सकता है. इसके अलावा एविएशन सेक्टर को दूसरे कई बेनेफिट्स भी मिल सकते हैं. इसमें ड्रोन पीएलआई (Drone PLI) स्कीम के आवंटन को बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है.
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इसके अलावा एविएशन सेक्टर को मिलने वाला एलोकेशन भी दोगुना हो सकता है. बता दें कि इस बार एविएशन सेक्टर की ओर से बजट में एलोकेशन फंड को 250 करोड़ रुपए की मांग है. इसके अलावा इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एडवेंचर गेम्स और टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी घोषणाएं भी कर सकती हैं.
स्वदेशीकरण पर भी हो सकता है फोकस
इसके अलावा वित्त मंत्री ने स्वदेशीकरण को लेकर भी बात रखी है. Indigenisation बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री घोषणा कर सकती हैं. इसके अलावा भारत में हवाई जहाज, ड्रोन, MROs आदि के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए बात सामने आई है. वहीं ग़ैर ज़रूरी इम्पोर्ट घटाने के लिए कई चीजों पर ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है
राजकोषीय घाटे का टारगेट किया तय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) आगामी बजट में राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) को GDP के 5.8% पर रखने की कोशिश करेंगी. विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में राजकोषीय घाटे को 5.8% से लेकर 6% के दायरे में रखा जा सकता है. चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.4% पर रखने का लक्ष्य रखा है.
12:38 PM IST